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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
नमो नमो भगवान रहे
बृजदासी रानी बांकावती
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नमो
नमो
भगवान
रहे,
जगिमगि
जग
माही।
कोटि
कोटि
ब्रह्मांड
बसत,
चरनन
की
छांही॥
स्रोत
पोथी
: मध्यकालीन कवयित्रियों की काव्य साधना
,
सिरजक
: बृजदासी रानी बांकावती
,
संपादक
: उषा कंवर राठौड़
,
प्रकाशक
: महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केन्द्र, दुर्ग, जोधपुर।