मेटे कांई नाम नै, मन सूं नफरत मे।

गेल पकड़ ले प्रेम री, पूगेला तद ठेठ॥

स्रोत
  • पोथी : सूळी ऊपर सेज ,
  • सिरजक : कविता किरण ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन