सीळी चालै बायरी, धूजै थर थर हाड।

सियां मारया रामजी, बेगो चिलको काड॥

नीचै गेर्‌या गूदड़ा, ऊपर सूं उपरांत।

इण सूं तो गिरमी भली, कट कट कह्वै दांत॥

स्रोत
  • पोथी : खरी खोटी ,
  • सिरजक : गुमानसिंह शेखावत ,
  • प्रकाशक : उदय प्रकाशन, धमोरा, झुंझुनूं