माथै पै लै बेबड़ौ, चली भायल्यां साथ।

सुंप्यो घर में बाळक्यो, सासूजी कै हाथ।

चूल्हा में दै टिंटका, हांडी साग चढ़ाय।

माथा पै धर बेबड़ौ, पाणी लैबा जाय॥

घर में बैठ्या पावणा, पाणी ग्यो छै बीत।

कुवों घरां सूं दूर छै, कस्यां नभावां रीत॥

पाणी अमरित बूंद छै, दुळ ग्यो घर कै माय।

भरां माथणी फैर सूं, कांई करां उपाय॥

गैला में छै रूंखड़ा, कुवों घणो छै दूर।

पाणी भरणो भाग में, ईं सूं छां मजबूर॥

बातां की फटकार सूं, गैलो नाप्यो आज

माथै चुक ल्यो बेवड़ौ, यो छै यांको राज॥

स्रोत
  • पोथी : सबद निकाळो तोल ,
  • सिरजक : अनिता वर्मा ,
  • प्रकाशक : सूर्य प्रकाशन मन्दिर, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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