मरुधर घणी मोवणी, आडावळ अभिमान।

गढ़ चित्तौड़ा सोवणो, भासावां मनमान॥

स्रोत
  • सिरजक : ओम नागर ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ा