लागी सावण री झड़ी, आवै कोनी दाय।

तन नैं तो सीतल करै, मन में भर दे लाय॥

स्रोत
  • पोथी : सूळी ऊपर सेज ,
  • सिरजक : कविता किरण ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन