को काहू को मित्र नहिं, को काहू को बंध।

बंधु मित्र या ते बने, जग प्रसिद्ध सनमंध॥

स्रोत
  • पोथी : उम्मेद ग्रंथावली ,
  • सिरजक : उम्मेदराम बारहठ ,
  • संपादक : मंजुला बारैठ ,
  • प्रकाशक : कलासन प्रकाशन, बीकानेर। ,
  • संस्करण : प्रथम