कठै पड़्यां हा कैमरा, कुणकी ल्यां खिंचवाय।

आंख्या पऴको पाड़ती, फोटू मंडती हिड़दा मांय॥

स्रोत
  • सिरजक : ओम बटाऊ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी