कस्तूरी कुंडल सबै, मृग पावै भेद।

रामचरण घट राम है, भूला हैरे वेद॥

स्रोत
  • पोथी : स्वामी रामचरण : जीवनी एवं कृतियों का अध्ययन (कस्तूरिया मृग अंग से उद्धृत) ,
  • सिरजक : स्वामी रामचरण ,
  • संपादक : माधवप्रसाद पाण्डेय ,
  • प्रकाशक : हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग ,
  • संस्करण : प्रथम