जोगी आयो गाँव सूं, ल्यायो समचार।

काळ पड़यो नीं धुक सक्यो, दिवलां रो त्युंहार॥

स्रोत
  • पोथी : दरद दिसावर ,
  • सिरजक : भागीरथसिंह भाग्य
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