जिंदगाणी री ताकड़ी, दुःख है भारी बाट।

सुख तो है फौरौ घणो, दियो काळजो काट॥

स्रोत
  • पोथी : सूळी ऊपर सेज ,
  • सिरजक : कविता किरण ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन