हठ तो राव हमीर को, ओर रावन की टेक।

सत राजा हरिचंद को, अरजन वान अनेक॥

स्रोत
  • पोथी : हम्मीर रासो ,
  • सिरजक : महेश ,
  • संपादक : माताप्रसाद गुप्त ,
  • प्रकाशक : केन्द्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली।