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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
गुरु महिमा तो अगम है
रूपदास
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गुरु
महिमा
तो
अगम
है,
कही
कूंण
पै
जाय।
सेस
पार
पावै
नहीं,
मैं
क्युं
करि
बरणू
गाय॥
स्रोत
पोथी
: श्री रामस्नेही - संदेश संत सप्तक (मुक्तिविलास कृति से)
,
सिरजक
: रूपदास जी
,
संपादक
: ब्रजेन्द्र कुमार सिंहल
,
प्रकाशक
: श्री रामस्नेही- युवा -संत परिषद्, रामनिवास धाम, शाहपुरा ( भीलवाड़ा)
,
संस्करण
: प्रथम