घण खाणो, घण बोलणो, दोन्यूं करै हैरान।
इक अन्न तन नाश करै, दूजो खोवै मान॥
लौ नै तपा लाल करै, लौ सूं मारै मार।
भाई सूं भाई लड़ाय, देखै दूजो वार॥
चढतै सूरज नमन करै, ढळतै करै न कोय।
पग चम्पी समृद्ध की, गरीब न पूछे कोय॥
धनवान चलतो आखड़ै पूछै अपनै लोग।
गरीब गुड़्यो डूंगर परां, कुण कै मन मैं सोग॥
लब ऊपर इमरत धर्यो, उदर मांय हलाहल।
रजत कळस मळबो भर्यो, काम न दे पळापळ॥
मन को दरद बांट्यां मिटै, तन को बांट्यो न जाय।
तन को पड़सी भोगणो, मन को बांट मिटाय॥
हर दिन देखां जगत में, झूठ सांच की दौड़।
झूठो खर हो हार ज्या, कछुवो जीतै होड़॥
राम रहीम हैं अेकसा, झगड़ै जग बे बात।
गुमान भजलै कोई सो, झगड़ै जो कुजात॥