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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
दिल अंदर दीदार
गरीबदास
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गरीब,
ऐसा
अविगत
राम
है,
गुन
इंद्रय
से
न्यार।
सुंन
सनेही
रमि
रह्या,
दिल
अंदर
दीदार॥
स्रोत
पोथी
: श्री सतगुरु ग्रंथ साहिब (सुमिरन को अंग)
,
सिरजक
: गरीबदास
,
संपादक
: आशीष कुमार पाण्डेय
,
प्रकाशक
: लोकनाथ प्रकाशन , वाराणसी, उत्तर प्रदेश
,
संस्करण
: प्रथम