गरीब, ऐसा अविगत राम है, अगम अगोचर नूर।

सुंन सनेही आदि है, सकल लोक भरपूर॥

स्रोत
  • पोथी : श्री सतगुरु ग्रंथ साहिब (सुमिरन को अंग) ,
  • सिरजक : गरीबदास ,
  • संपादक : आशीष कुमार पाण्डेय ,
  • प्रकाशक : लोकनाथ प्रकाशन , वाराणसी, उत्तर प्रदेश ,
  • संस्करण : प्रथम