गरब करणों माणस्यां, कोई कळजुग आयों।

घर दशरथ रै ओतर्या, जद लखण कुहायो॥

स्रोत
  • पोथी : जसनाथी संप्रदाय : साहित्य, साधना एवं विचारधारा (पीएचडी उपाधि हेतु स्वीकृत शोध प्रबंध) ,
  • सिरजक : जसनाथ जी ,
  • संपादक : भेराराम