गहली बहू गिंवार ,बेहरा लिखिया कूं टले।
बेहरा लिखिया जो लेख,से आंछैर क्यूं करे॥
कवि इंण पद रै मांय कुंती रै मुख सूं अभिमन्यु री मां रै विलाप रै समै भगवान श्री कृष्ण री सर्व शक्ति मता रौ बखाण करतां थकां कैवै है कि हे! गहली एवं ग्रामीण बहू तूं क्यौं विलाप कर रही है?