गही टेक छाड़ै नही, जीभ चुँच जरि जाय।

मीठो कहा अंगार को, तहां चकोर चुगाय॥

स्रोत
  • पोथी : हम्मीर रासो ,
  • सिरजक : महेश ,
  • संपादक : माताप्रसाद गुप्त ,
  • प्रकाशक : केन्द्रीय हिंदी निदेशालय, नई दिल्ली।