डांफर चालै डाकणी, जद रट्ट झालै लार।

काळजियो काठो करै, लठ बरगो लूंकार॥

स्सी तोड़ै सत डील रो, ठारै जद ठंठार।

तन मन नै ताता करै, लठ बरगो लूंकार॥

मावठ बरसै मोकळी, बाळू बाली गार।

कवच बणै किरसाण रो, लठ बरगो लूंकार॥

पाळो दटै सोड़ सूं, कांपै तन रा तार।

ऊपर घालो सोड़ रै, लठ बरगो लूंकार॥

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : संतोष कुमार पारीक ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी