बेटी जलमी अे सखी, गावौ मंगळ-गीत,
आ अपणी पैछाण है, समझौ इणनै गीत।
बेटी जलमी तौ सखी, लेवौ बधावौ गाय,
लाडू बैंचौ घणकारा, कांसी-थाळ बजाय।
जीवण-पोथी में लिखै, बेटी मंगळ गीत,
बेटी बिन नीं फळ सकै, मिनख हियै री प्रीत।
बेटी कंवळी भावना, ठंडी-ठंडी छांव
ग्यान बिना थां मत कैवौ, उणनै दुख रौ घाव।
बेटी सुपना री परी, आंगण रौ सिणगार,
उनै पराई मत कैवौ, वा जीवण-आधार।