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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
बन में गये हरि ना मिले
गवरी बाई
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बन
में
गये
हरि
ना
मिले,
नरत
करी
नेहाल।
बन
में
तो
भूकते
फिरे,
मृग,
रोझ,
सीयाल॥
स्रोत
पोथी
: गवरी बाई (भारतीय साहित्य रा निरमाता)
,
सिरजक
: गवरी बाई
,
संपादक
: मथुरा प्रसाद अग्रवाल
,
प्रकाशक
: साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली
,
संस्करण
: प्रथम