अहि श्रृंगी उन्मत्त गज, बाला नृप बलवान।

मनि विश्वास मानिये, इन को बुद्धि निदान॥

स्रोत
  • पोथी : उम्मेद ग्रंथावली ,
  • सिरजक : उम्मेदराम बारहठ ,
  • संपादक : मंजुला बारैठ ,
  • प्रकाशक : कलासन प्रकाशन, बीकानेर। ,
  • संस्करण : प्रथम