बापू सूं पापा भयो, पापा बणग्यो डैड।

वाह रे पश्चिम सभ्यता, माइंड होग्यो मैड।

मां सूं तो मम्मी बणी, बणी मम्मी सूं मौम।

वाह रे पश्चिमी सभ्यता, सुण सुण कांपै रोम॥

काकी सूं चाची बणी, बणी चाची सूं आंट।

वाह रे पश्चिमी सभ्यता, काकी बण गई आंट॥

वत्स बिगड़ बेटो बण्यो, बेटो बणग्यो सन्नी।

वाह रे पश्चिमी सभ्यता, काटण लाग्यो कन्नी॥

गुरूदेव सूं गुरू बण्यो, गुरू बण्यो घंटाल।

वाह रे पश्चिमी सभ्यता, छोरा ठोकै ताल॥

दुकान बदळी शोरूम में, शोरूम बणग्यो माल।

वाह रे पश्चिमी सभ्यता, घणी उतारै खाल॥

अर्धांगिनी सूं पत्नी बणी, पत्नी बणगी बैटर हाफ।

वाह रे पश्चिमी सभ्यता, गिरग्यो कितनो ग्राफ॥

स्रोत
  • पोथी : खरी खोटी ,
  • सिरजक : गुमानसिंह शेखावत ,
  • प्रकाशक : उदय प्रकाशन, धमोरा, झुंझुनूं