धर्म्म नीरूपन कर्यौ, महाभारत मुख भाख्यौ।

वेद विभाग विचार विधूर, विमंडल राख्यौ।

वेद व्यास विख्यात, कृष्ण द्वैपायन कह्यौ।

तीन भुवन तप सिद्धि, लोक अमर पद लहयौ॥

स्रोत
  • पोथी : नरहरिदास बारहठ ,
  • सिरजक : नरहरिदास बारहठ ,
  • संपादक : सद्दीक मोहम्मद ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, जोधपुर। ,
  • संस्करण : प्रथम