सहस ज्याग असमेद साहस सर सलिल सगच्छति।

सहस वावि सौं वारि सहस घेनका सवच्छति।

सहस भार सौंव्रंन सहस भूमि भौमी।

सहस सति ग.... सहस ऊरणा सरौमी।

अड़सठि तीरथ अवगाहि अनि ध्रम चाढि हेकणि घड़ै।

श्रीराम नाम चेलौ सबल अजै घणै भरि उपड़ै॥

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी साहित्य सम्पदा ,
  • सिरजक : नांदण बारहठ ,
  • संपादक : शौभाग्य सिंह शेखावत ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा साहित्य संगम, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम