घणा कायर कापुरिस, घणा क्रोधी नै कांमी।
घणा फघु फोगटी घणा नर हठि हरामी।
घणा नीच संगती घणा निंदक कृतघण।
घणा कुसीख सीखवण घणा नर परघर भंजण।
केलबो कपट कूड़ौ घणा घणा लोभी लंचोड़ घण।
एक दोय कवि सार कहि सज्जन नर संसार इण॥