ब्रह्म सुवन तप तेज भयो कर्दम द्विज मुनिवर,

मनु तनया इकदेव हुति कृत तासु ग्रहन कर।

कपिल देवतिहि उदर भयो अवतार सु पंचम,

सांख्य योग सद्धयो कठिन जित्तयो काल क्रम।

उपदेस ब्रम्ह विद्या अखिल कर्यो मातुकारन करन,

उत्पन्न सिद्ध पुर सरस्वती प्रभु नरहर असरन सरन॥

स्रोत
  • पोथी : नरहरिदास बारहठ ,
  • सिरजक : नरहरिदास बारहठ ,
  • संपादक : सद्दीक मोहम्मद ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, जोधपुर। ,
  • संस्करण : प्रथम