(छंद मोतीदांम)

नमौ यकरिंग उमावर देव। नमौ नर नाग सुरं अनभेव॥
नमौ ब्रष बाहन सूल अधार। नमौ उमयावर श्री त्रिपुरार॥
नमौ वर बाप नरेसुर दैंन। नमौ चख आग खयंकर मैंन॥
नमौ जटधारन आप सुगंग। नमौ नगराज जमात अभंग॥
नमौ अहिभूषण धार महेस। नमौ पति भूत पिचास दिगेस॥
नमौ त्रय-नैंनन मौचन मुख्ख। नमौ कयलास बिलासन सुख्ख॥
नमौ हर जीतन काल कराल। नमौ क्रत अंबर गेंवर-खाल॥
नमौ सर-चाप अधारन हाथ। मनौ यक च्यार रु पंचय माथ॥
नमौ गल मूंडन धारन माल। नमौ कर आश्रित सूल कपाल॥
नमौ निरलेप निरंजन नांम। नमौ निरइह निरामय ठांम॥
नमौ रज तांमस सत्त सुभाय। नमौ श्रजपाल बिनास प्रभाय॥
नमौ त्रय-मूरत रूप सुरेस। नमौ अबधूत दिगंबर-वेस॥
नमौ जिखराज सखा ऋतवांन। नमौ जिंहिं संपत दैनं जिहांन॥
नमौ निरबांन नमौ निरलेप। नमौ निकलंक बिभूति बिलेप॥
नमौ पति मंगर डंगर केत। नमौ भखि भंगर मंगर नेत॥
नमौ अबधूत अभूत अछेह। नमौ अहिसूत बिभूत सदेह॥
नमौ क्रत मुख हलाहल पांन। नमौ सिर गंग खलाहल मांन॥
नमौ क्रत आक धतूर अहार। नमौ सिव श्री निरधार अधार॥

स्रोत
  • पोथी : किसना आढ़ा कृत भीम विलास ,
  • सिरजक : किसना आढ़ा ,
  • संपादक : डॉ. देव कोठारी ,
  • प्रकाशक : साहित्य संस्थान राजस्थान विद्यापीठ, उदयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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