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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
मेरा पूता ध्रू प्रहलादा
रामदास जी
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मेरा
पूता
ध्रू
प्रहलादा,
सुकदे
व्यास
मिल्या
सहलादा।
मेरा
पूत
नामदेव
क्वाया,
हमरा
हम
में
आण
समाया॥
स्रोत
पोथी
: श्री रामदास जी की बाणी
,
सिरजक
: रामदास जी
,
संपादक
: रामप्रसाद दाधीच 'प्रसाद ' , हरिदास शास्त्री
,
प्रकाशक
: श्रीमदाद्य रामस्नेही साहित्य शोध - प्रतिष्ठान, प्रधान पीठ,खेड़ापा जोधपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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