नमो नमो गुरु देवन देवा,

नमो नमो गुरु अगम अभेवा।

नमो नमो निरलंभ निरासा,

नमो नमो परमातम बासा॥

नमो नमो त्रिभुवन के स्वामी,

नमो नमो गुरु अंतरजामी।

नमो नमो गुरु पातक हरता,

नमो नमो पारायण करता॥

स्रोत
  • पोथी : सहजोबाई की बाणी - सहज प्रकाश (सतगुर महिमा अंग से) ,
  • सिरजक : सहजो बाई ,
  • प्रकाशक : बेलडियर प्रेस, प्रयाग ,
  • संस्करण : सातवां संस्करण