कुट्टण तेरा बाप, जिकै सीरोही कुट्टी।

कुट्टण तेरा बाप, जिकै लाहोरी लुट्टी।

कुट्टण तेरा बाप, जिकै वायडगढ बोया।

कुट्टण तेरा बाप, जिकै धूंमड़ा धबोया।

कूटिया प्रसण खागां किता, झूंझै अर सांकै धरा।

मो कुट्टण कह कमालखां, तूं कुट्टण किणियागरा॥

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी निबंध-माळा ,
  • सिरजक : वीरदास बीठू ,
  • संपादक : मनोहर शर्मा ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार ,
  • संस्करण : द्वितीय संस्करण