गुरु हैं सब देवन के देवा,

गुरु को कोउ जानत भेवा।

करुना- सागर कृपा निधाना,

गुरु हैं ब्रह्म रूप भगवाना॥

स्रोत
  • पोथी : दया बोध ,
  • सिरजक : दयाबाई ,
  • प्रकाशक : बेलडियर प्रेस , प्रयाग