गुरु बिन ज्ञान ध्यान नहिं होवै,

गुरु बिन चौरासी मग जोवै।

गुरु बिन राम भक्ति नहिं जागै,

गुरु बिन असुभ कर्म नहिं त्यागै॥

स्रोत
  • पोथी : दया बोध ,
  • सिरजक : दयाबाई ,
  • प्रकाशक : बेलडियर प्रेस , प्रयाग