अंजस महोत्सव रै सत्र 'डिंगल दरबार' में प्रतिभागी कवियां रै तौर माथै गिरधरदान रतनू, गजादान चारण, संतोष एस गढ़वी महेन्द्र सिंह छायण अर तेजस मुंगेरिया सामिल हुया। इण सत्र में डिंगल रा वर्तमान घणचावा कवियां सागै नुंवी पीढी रा कवि आपरी अर आपरी परंपरा रा आदु कवियां री रचनावां श्रोतावां सांम्ही राखी। इण सत्र में पधारियोड़ा वरिष्ठ कवि-सम्पादक गिरधरदान रतनू डिंगल विरासत नै उणरै काव्य री बानगी साथै बतावता थकां।