अकबर गरब आण, हिंदू सह चाकर हुवा।

दीठो कोई दिवाण, करतो लटका कटहड़ै॥

स्रोत
  • पोथी : दुरसा आढ़ा ग्रंथावली ,
  • सिरजक : दुरसा आढा ,
  • संपादक : भूपतिराम साकरिया ,
  • प्रकाशक : साहित्य संस्थान, राजस्थान विधापीठ, उदयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
जुड़्योड़ा विसै