(1)

म्हारे गांव रा मिनख 
हाथ लगा-लगायनै परखै
म्हारी ब्रांडेड सरटां 
नित बूझै 
म्हारै बूंटड़ा रो रेट 
पण पीठ पाछै ताळी मार‘नै 
अेक-दूजै नै सुणावै आ कैबत-
राबड़ी कैवै म्हनैं ई दांता सूं खावो।

(2)

जद म्हारी बेटी नै गावतां सुणै 
ट्विंकल-ट्विंकल लिटल स्टार 
पेट मांय मरोड़ उठ्योड़ा सा हुयज्यै 
म्हारे गांव रा मिनख— 
माटी मांय रुलतै
आपरै टाबरां नै टोकै-
कांईं रूंगा सा बण्यां फिरो?



गळै मिलनै देवै बधाई
म्हारै नौकरी लागणै री 
पण मूंढो फैरतां ई भींचै जाड़ 
म्हारे गांव रा मिनख 
ताबै आयग्यी हीण जात रै 
नीं तो सूंघतो
म्हारे ऊंटां रो पाद।



म्हारै बूंटड़ा माथै 
लिख्योड़ो देख‘र ‘अेन आई के ई‘
उणां रै मन मांय आवै 
रेट बूझणै रो विच्यार 
पण गळगळा सा हुयनै 
फुसफुसावै म्हारै गांव रा मिनख
थारै पल्लै तो नायकांळा बूंटड़ा ई पड़सी लाडी। 



म्हनैं चलावतां देख व्हॉट्स अेप 
उणां री निजरां पड़ी 
म्हारै मोबाइल रै बैक साइड माथै लाग्योड़ै लोगो माथै 
उणां बूझ्यो-
ओ किस्यो फोन बजै रै भीमड़ा?
म्हाने ई‘ज मंगावणो हुवतो।
म्हूं मुळक‘र कैयो-
ओ आईफोन इलेवन प्रो है 
एक लाख रिपिया रो आवै 
वै बळतां सा बोल्या-
बेटी रा बाप! 
जूठण सूं ई राजी रैवो थे तो हरमेस
फोन तो अेड़ो लेवतो 
जिण रै सेब रै बटको भरयोड़ो नीं हुवै। 

(6) 

उणां आप री नाड़ ऊंची करनै बूझ्यो-
थारलै बास मांय आ इत्तणी ऊंची कोठी
कुण बणाई है रै भीमड़ा? 
म्हे ई बणाई है दादा! 
म्हूं सायंति सूं उथलो दियौ।

उणां चातर मुळक रै साथै कैयो-
कोठी तो ठीक है लाडी
पण अेक कोठो और बणाल्यो।
म्हारै मुंडै सूं अचाणचकै ई निसरया अे बोल-
पछै थे काईं बणास्यो दादा?

स्रोत
  • सिरजक : बी एल पारस ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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