आखो जगत

अेक हारो है

जिकै मांय

भोभर बणा’र

मिनख री देह नैं

बीं माथै

टिकायीजै

बीं रै सुपनां री देगची

अर बीं देगची में

भोर सूं लेयर सिंझ्या तांई

खदबदीजै

काची-पाकी जीया-जूण।

स्रोत
  • पोथी : अैनांण ,
  • सिरजक : आशीष पुरोहित ,
  • प्रकाशक : गायत्री प्रकाशन
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