म्हूं बी तो छूं थांकी बेटी

पढ़बा को अवसर तो दै

म्हारै बी लादै पाटी-पौथी

मां!

अर खंदा दै स्कूल

म्हारा घट मं बी जळबा दै

ज्ञान की जोत,

म्हूं बी तो बण जाऊं मिनख,

म्हूं बी सुधार लूंगी

म्हारो महंगा मौल को जमारो

अर सीख जाऊंगी

लड़बो बेमानी जमाना सूं ,

अर म्हारा नवांकुरां मं बी

भर दूंगी सीख्यो ज्ञान,

अस्यां ईं तर जावैगी

आगली-पाछली कतनीं पीढ्यां

दूगणी जिम्मेवारी छै

मारा जीव पै तो

कुळ उजासबा की,

कर दूंगी थांरा बी नांव को

उजियारो

फैर पाछै क्है ‌न सकै कोई

कै रह लुगायां में

ज्ञान,

जिण-जिण नैं बी

पकड़ी छै

पाटी-पौथी की गैल

वाई जा चढ़ी

आसमान की ऊंचायां

अर बण'र दिखा द्यो

मास्टरणी बणगी

मंत्री अर संत्री बणगी

कलेक्टर अर एस पी बणगी

धरती की कांईं बात करां

आसमान पै ‌जा गाड़्या झंडा

अर बणगी मिसाल

बस एक बार

मिल जावै म्हंनै ईं बी

बिना दोगला माड़साब

तर जावै बेटियां बी!

स्रोत
  • सिरजक : मंजू कुमारी मेघवाल ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी