(अेक)

जिण रो कीं नीं हुवै
वो सगळां वास्तै
सो'कीं कर सकै है
अर जिण रो
सो'कीं हुवै
वो किणी अेक वास्तै
च्यार आंगळ टुकड़ै रो इंतजाम
भी नीं कर सकै

(दो)

जियां भैंस नै दुवण वास्तै
बाल्टी पाणी अर न्याणो
जरूरी हुवै है
बीयां ईज जरूरी है
मिनख सूं काम लेवण वास्तै
अै सगळा कानून कायदा
मान मर्यादा
राजा अर प्यादा

स्रोत
  • सिरजक : अनिल अबूझ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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