भासा रो निरमाण महत्त है,

तत्त् मून है पण सीधो ही मून

तत्त् कद ?

मून, मून है

पण सब्दा सूं पैलां पण

राई परबत है

भासा रो निरमाण महत्त है

अनुभूत रो रस, भासा है

यस्वी

यस सूं है,

पण बीं रौ यस, भासा है

तत् रो सत तो है निसब्द

पण तत् रो पथ भासा निसतरत है

भासा रो निरमाण महत्त है

स्रोत
  • पोथी : चिड़ी री बोली लिखौ ,
  • सिरजक : मोहन आलोक ,
  • प्रकाशक : रवि प्रकाशन दिल्ली