जे नीं व्हेतौ म्हैं
थांरी प्रीत रै आपांण रौ
व्हेतौ ई कांई मांण
अर कांई व्हेतौ म्हैं
जे नीं व्हेती थांरी
आंख में उडीक...
स्रोत
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पोथी : जागती जोत काव्यांक, अंक - 4 जुलाई 1998
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सिरजक : नंद भारद्वाज
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संपादक : भगवतीलाल व्यास
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प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी