भाभोसा रै आंगणे री

सोन चिड़कली

घणी चै'कती

नाचती-कूदती-फुदकती

बूढा-बडेरां सूं बंतळ करती

रमती डाळ-डाळ

गावती रमतियां रा मीठा गीत

ऊँचे अर ऊँचे सुर सूं

साथणियां रै झूलरै।

कै रमती घूमर

हरखाती मां रौ काळजौ

भाभोसा रै कांधे बैठ

खेतां जावणौ

अर भाभोसा रौ

मीठा काचर-बोर खवावणौ

कदैई न्हाटणौ, उबाणां पगां

गांव री सींवां सांम्ही

निरखण नै नुंवी बिंदणी

निरख कोड सूं भरीजणौ

तीज-तिंवार

नीपती घर आंगणौ

सगळी साथणियां बदोबद

अर पूरती वां में

उम्मीदां रा मांडणा।

निंदाळु आंखियां

जोवती मां नै

मेंदी सूं मूठियां भरतां

अर दिनुगै निरख

राचयौड़ा हाथ

जाती वा'री आपरा भाग नै।

जीवण लागतौ हळ्कौ फुळक

अर मै'कतौ मन रौ आंगणौ।

दस बरस री भोळी उमर

जाणती जीवण यूं इज चालैला

पण,

कद सोचियौ हो?

अबकी होळी

मंगळीज जावैला

म्हारौ बाळपणौ

अर निकळ जावैला

थाळैरी रौ सावौ

म्हारै ब्यांव रौ

स्रोत
  • सिरजक : धनंजया अमरावत ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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