खेत अर खलियान म्हारै गांव में

अली जगन किसान म्हारै गांव में

हेत री हथाई -सागै कायदौ

राखणै री शान म्हारै गांव में

संत ने सपूतां सागै वीरता (री)

घणी ऊंडी खान म्हारै गांव में

साच ने पूजणिया भोला देवता

हक अर ईमान म्हारै गांव में

घर आयौ जाया सूं मूंगौ जाण नै

मान अर सम्मान म्हारै गांव में

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : अब्दुल समद 'राही' ,
  • संपादक : डॉ. भगवतीलाल व्यास ,
  • प्रकाशक : राजस्थान साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर
जुड़्योड़ा विसै