मायड़ छूट रह्यौ थारौ आंचळ

तन तौ म्हारी सिणगार्योड़ौ,

मन है आकळ-बाकळ।

बचपण री मैं याद भुलाऊं,

ठुमक रूसणू कठै छोड़ द्यूं।

रोटी री जिद भूखां मरणू,

रतन कचोळै पीणूं खाणू।

जामण थारी ममता मन में,

जमगी सावळ सावळ।

इण आंगणियै रमतां रमतां,

गुडी गुडा रौ ब्याव रचातां।

भावज म्हानै खिजतां खिजतां,

बीरां रौ मन रखतां रखतां

बता भुलाऊं छिन में किण विध,

समझा सावळ सावळ।

तीज, गौर रखपूनम रा दिन,

सोवण थाळ जीमतां चावळ।

दिवळै री लौ जोतां जोतां,

रक्षक थारौ पीळौ आंचळ।

दीखै और दिखाव आगै,

बढजै सावळ सावळ।

नया नगर में नया डगर सूं

चाली थारी लाडल बेटी।

इण सिस्टी रौ नियम निभावण,

चाली थारी रतना बेटी।

दे आसीस नाम चमकाऊं

घर रौ सावळ सावळ।

मायड़ छूट रह्यौ थारौ आंचळ

तन तौ म्हारौ सिणगार्योड़ौ,

मन है आकळ बाकळ।

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : आशा शर्मा ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम
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