जय-जय राजस्थान म्हारा, जय-जय राजस्थान!

नागपहाड़ सा पर्वत म्हारा, पुष्कर तीर्थराज

पद्मणी कौ जोहर म्हारै, सांगा की तलवार।

जय-जय राजस्थान म्हारा, जय-जय राजस्थान!

संत शिरामेणी मीरां म्हारै, भामाशाह सो दानी

चेतक सरीका घुड़ला म्हारै, हल्दीघाटी धाम।

जय-जय राजस्थान म्हारा, जय-जय राजस्थान!

घास की रोटी राणा खाई, राखी कुळ की आण

पन्नाधाय सेविका देदी, बेटै रौ बलिदान।

जय-जय राजस्थान म्हारा, जय-जय राजस्थान!

डोला मारू प्रेम कहाणी, सुण'र मन हरखावै

हाड़ी राणी री सैनाणी, दे दी अंख्यां खोल।

जय-जय राजस्थान म्हारा, जय-जय राजस्थान!

काचर बोर मतीरा निपजै, कोड्यांळी ज्वार

रंग रंगीला मेळा खेळा, धजा उड़ाता लोग।

जय-जय राजस्थान म्हारा, जय-जय राजस्थान!

सिक्या चणां अर डोर लोट्यौ, लेकर निकळ्या लोग

मेहनत अर सच्चाई इज्जत, पाई चारू मेर।

जय-जय राजस्थान म्हारा, जय-जय राजस्थान!

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : आशारानी लखोटिया ,
  • संपादक : शारदा कृष्ण ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम