पोखी कळियां प्यार सूं भर भर आस अटूट।

बिलखै सारी बेलड़्यां लूआं लीधी लूट॥

स्रोत
  • पोथी : लू ,
  • सिरजक : चंद्र सिंह ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार