नारी अहिला सरीर सिला, किर नां तारियौ थैंहो।

दातार अदला देव, चाव धारी चिति।

हलाहला आया हालिम, हला हल्या हुआ।

महा प्रभु आप मला, भला भला मित॥1

पैहळाद गांन पला, अला अला कहो आप।

राजिरां भगतां माथै राकसांरी रीस।

ताहरां नां दियै टला, विशननु होमबला भुजाडंड वीस।

अगासुरां बुगासुर कंसासुरा उधेड़िया।2

निसाचरा प्रसासुरा अचासुरां नांखि।

ब्रत्रासुरा बाणांसुरा दीया वाहि।

आपरा भगता दिसी आँखि॥3

उळाविजै अविणास अम्ह आस एह आछै।

नितो निति रहाविजै नेम।

वेद व्यास वालमीक सुखदेव दास वाला।

प्रभु रै चितिमां वालौ पीरदास प्रेम॥4

स्रोत
  • पोथी : पीरदान लालस-ग्रन्थावली ,
  • सिरजक : पीरदान लालस ,
  • संपादक : अगरचंद नाहटा ,
  • प्रकाशक : सादूळ राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट,बीकानेर
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