क्रम केत स्वरग कज नह भारथ कज,

दूठ दूदूड़ै दळ्या दुजोण।

पह तिण भवणै-त्रिणै पेखियो,

धड़ पाखै नाचंतो ध्रोण॥

वांछंतां वरमाळ वेगड़ा,

वकता सुणै दूदै वसियो।

जेसळगिरा तिको दिन जांणे,

हाथां ताळी दे हसियो॥

हूं हूंफड़ा मरण किम हारूं,

धर सांमी लीजंती धर।

मेलूं मूंछ मीर पण मांनै,

कमळ कहै जो हुवै कर॥

कर विण मूंछ भ्रू हसौं सुजकर,

अउब ओपियो अंजसियो।

गढ़ां गिळेवा आदम गोरी,

हड़ हड़ हड़ दूदो हसियौ॥

स्रोत
  • पोथी : मुहता नैणसीं री ख्यात, भाग 2 ,
  • सिरजक : हूंफा सांदू
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